🙏🚩चीरकर अपना सीना , हृदय मे अपने श्री राम दिखलाया ।
यूं ही नहीं बजरंगी श्री हनुमान कहलाया॥ 🙏🚩
सभी पाठकों को हमारी तरफ से हनुमान जन्मोत्सव की ढेर सारी शुभकामनाए। 🙏🚩
हनुमान जयंती जन्मोत्सव : इसे हम सभी लोग हनुमान जयंती ना कहते हुए हनुमान जन्मोत्सव कहें व सभी को हनुमान जन्मोत्सव कहने के लिए प्रेरित करें। 🙏
जयंती और जन्मोत्सव में सबसे बड़ा अंतर है -
जयंती - एक मृत व्यक्ति के लिए प्रयोग किया जाता है और जन्मोत्सव जीवित के लिए। अर्थात् जो लोग मर चुके हैं, उनके जन्मदिवस को जयंती कहा जाता है।
इसी प्रकार जो लोग जीवित है, उनके जन्मदिवस को जन्मोत्सव कहा जाता है और कलयुग में केवल श्री राम भक्त हनुमान जी ही चिरंजीवी हैं, आज भी विद्यमान हैं।
हिन्दू पंचांग के अनुसार चैत्र महीने की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि के दिन श्री राम भक्त हनुमान जी का अवतार हुआ था. इसलिए इस दिन को भगवान हनुमान जी के जन्मोत्सव के रूप में हर वर्ष मनाया जाता है. इस वर्ष हनुमान जयंती वृहस्पतिवार 06 अप्रैल 2023 को है.
वैसे तो हिंदू धर्म में मंगलवार और शनिवार का दिन हनुमान जी की पूजा के लिए समर्पित होता है. लेकिन हनुमान जी की पूजा के लिए हनुमान जन्मोत्सव के दिन को विशेष माना जाता है. इस दिन किए पूजा-पाठ, व्रत, उपाय, मंत्रोचारण आदि से श्री बजरंगबली की विशेष कृपा प्राप्त होती है और जीवन की सारी परेशानियों से मुक्ति मिलती है.
मुहूर्त :
चैत्र शुक्ल पक्ष पूर्णिमा तिथि आरंभ: बुधवार 5 अप्रैल 2023, सुबह 09:19 मिनट पर
चैत्र शुक्ल पक्ष पूर्णिमा तिथि समाप्त: गुरुवार 6 अप्रैल 2023, सुबह 10:04 पर
हनुमान जन्मोत्सव वृहस्पतिवार 06 अप्रैल 2023 को है. इस दिन सुबह 06:06 से लेकर सुबह 07:40 मिनट तक पूजा की जा सकती है. इसके बाद दोपहर में 12:24 मिनट से 01:58 मिनट का समय भी हनुमान जी की पूजा के लिए शुभ है. अगर आप शाम को पूजा कर रहे हैं तो इसके लिए शाम 05:07 से 08:07 से बीच पूजा कर सकते हैं. वहीं हनुमान जयंती पर अभिजीत मुहूर्त सुबह 11:59 से दोपहर 12:49 मिनट तक रहेगा.
महत्व :
ऐसा माना जाता है कि जो भक्त जन हनुमान जन्मोत्सव के दिन श्रद्धा और निष्ठा भाव से महावीर बजरंगबली की पूजा अर्चना करते हैं, उनके रोग-दोष-कष्ट दूर हो जाते हैं और जीवन में सुख-शांति और समृद्धि आती है. साथ ही ऐसे लोग जिनपर शनि की अशुभ दृष्टि जैसे शनि दोष, साढ़े साती और ढैय्या आदि चल रही होती है, वे अगर हनुमान जन्मोत्सव के दिन व्रत रखकर श्री हनुमान जी की पूजा करें तो शनि का प्रभाव कम होता है.
अपनी राशि के हिसाब से करे पूजा :
मेष-
रामचरित मानस के बालकांड का पाठ करें और नौ कन्याओं को भोजन कराएं.
वृषभ-
ऊँ नमों हनुमंत नमः मंत्र की एक माला जाप करें और बच्चों को मिष्ठान खिलाएं.
मिथुन-
हनुमान चालीसा का पाठ करें और हनुमान मंदिर में 11 दीपक जलाएं.
कर्क-
रामरक्षा स्तोत्र का पाठ करें और भिक्षुकों को भोजन कराएं.
सिंह-
हनुमान अष्टक का पाठ करें और हनुमान मंदिर में ध्वजा अर्पित करें.
कन्या-
सुन्दरकाण्ड का पाठ करें और गाय को हरी घास खिलाएं.
तुला-
बजरंग बाण का पाठ करें और हनुमान मंदिर में पीले पेड़े अर्पित करें.
वृश्चिक-
हनुमान चालीसा का पाठ करें और बन्दरों को मीठा रोट खिलाएं.
धनु-
हनुमान कवच का पाठ करें और मंदिर में हनुमान चालीसा भेंट करें.
मकर-
जय श्रीराम के मंत्र का 51 बार जाप करें और लड्डु का भोग लगाएं.
कुंभ-
सुंदरकांड का पाठ करें और मछलियों को आटे की गोलियां डालें.
मीन-
अयोध्याकांड का पाठ करें और घर के बुजुर्गा के नाम से वृद्धाश्रम में भोजन कराएं.
आप निम्नलिखित मंत्रों का भी पाठ कर सकते है :
1. ॐ हं हनुमते रुद्रातमकाय हुँ फटट स्वाहा !!
2. ॐ आञ्जनेयाय विद्महे वायुपुत्राय धीमहि। तन्नो हनुमत् प्रचोदयात्॥ 'ॐ नमो भगवते आंजनेयाय महाबलाय स्वाहा।
3. ॐ नमो हनुमते रूद्रावताराय सर्वशत्रुसंहारणाय सर्वरोग हराय सर्ववशीकरणाय रामदूताय स्वाहा।
4. ॐ नमो हनुमते रूद्रावताराय सर्वशत्रुसंहारणाय सर्वरोग हराय सर्ववशीकरणाय रामदूताय स्वाहा।
5. अतुलितबलधामं हेमशैलाभदेहं, दनुजवनकृशानुं ज्ञानिनामग्रगण्यम्।।
सकलगुणनिधानं वानराणामधीशं, रघुपतिप्रियभक्तं वातजातं नमामि ।।
प्रयागराज मे स्थित श्री हनुमान जी के कुछ प्रसिद्ध मंदिर :
1. श्री लेटे हनुमान जी महाराज(बड़े हनुमान जी) , प्रयागराज
2. रानी का तालाब ( छोटे हनुमान जी )
3. श्री हनुमान मंदिर , सिविल लाइंस
5. दौलतिया मंदिर, मुँगरा बादशाहपुर
सार्वजनिक कार्यक्रम:
आप सभी सादर आमंत्रित है :
स्थान : दौलतिया मंदिर, मुँगरा बादशाहपुर
कार्यक्रम : हनुमान जन्मोत्सव के उपलक्ष मे सुन्दर कांड एवं भजन संध्या का आयोजन किया गया है ।
समय : शाम 5:00 बजे से 9:00 बजे तक ।
🙏🚩
JAY SHRI RAM
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