प्रयागराज को मिली स्वच्छता में बड़ी पहचान — महाकुंभ की तैयारी ने दिलाया राष्ट्रीय सम्मान
प्रयागराज ने एक बार फिर पूरे देश को यह साबित कर दिया है कि यह शहर न केवल आध्यात्मिक रूप से समृद्ध है, बल्कि स्वच्छता और शहरी प्रबंधन के मामले में भी देश का अग्रणी नगर बन चुका है।
हाल ही में आयोजित स्वच्छ सर्वेक्षण 2024-25 में प्रयागराज को गंगा टाउन श्रेणी में सबसे स्वच्छ शहर घोषित किया गया। इसके साथ ही महाकुंभ 2025 की शानदार योजना और क्रियान्वयन के लिए शहर को विशेष राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा गया। यह सम्मान नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में एक भव्य समारोह के दौरान प्रदान किया गया, जिसमें केंद्रीय आवास एवं शहरी कार्य मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने प्रयागराज के महापौर उमेश चंद्र गणेश केसरीवानी को यह पुरस्कार सौंपा।
"यह सम्मान प्रयागराज की जनता का है"
सम्मान प्राप्त करने के बाद महापौर केसरीवानी ने कहा—
"यह उपलब्धि प्रयागराज की जनता के अनुशासन, जागरूकता और स्वच्छता के प्रति समर्पण का परिणाम है। हमने देश और दुनिया को दिखा दिया है कि प्रयागराज न केवल आध्यात्मिक रूप से अग्रणी है, बल्कि स्वच्छता और नागरिक व्यवस्था में भी मिसाल कायम कर रहा है।"
महापौर को मिला राष्ट्रपति पुरस्कार भी
प्रयागराज को इस मुकाम तक पहुँचाने में अहम भूमिका निभाने के लिए महापौर को 'President’s Award' से भी सम्मानित किया गया। उन्होंने यह पुरस्कार शहर के सफाईकर्मियों, नगर निगम के अधिकारियों और हर उस नागरिक को समर्पित किया जिन्होंने स्वच्छता अभियान में योगदान दिया।
महाकुंभ 2025 की तैयारी बनी राष्ट्रीय चर्चा का विषय
महाकुंभ 2025 के लिए प्रयागराज में की जा रही तैयारियाँ देश भर में एक उदाहरण बन गई हैं। कूड़ा प्रबंधन, सार्वजनिक शौचालयों की व्यवस्था, और साफ-सफाई की आधुनिक तकनीकों ने राष्ट्रीय स्तर पर सराहना बटोरी।
यह भी साबित हुआ कि प्रयागराज न केवल धार्मिक आयोजनों का केंद्र है, बल्कि विश्व स्तरीय मेगा इवेंट्स को भी अत्यंत कुशलता से आयोजित करने की क्षमता रखता है।
समारोह में रही दिग्गजों की उपस्थिति
इस समारोह में उत्तर प्रदेश के नगर विकास मंत्री एके शर्मा, विशेष सचिव अनुज झा, नगर आयुक्त सीलम साई तेजा, और अपर नगर आयुक्त दीपेन्द्र यादव समेत प्रयागराज के कई सामाजिक प्रतिनिधि और स्थानीय नेता शामिल हुए।
स्वच्छ भारत मिशन के प्रति समर्पण का परिणाम
स्वच्छ सर्वेक्षण हर वर्ष केंद्र सरकार द्वारा देश के शहरों में स्वच्छता की स्थिति का मूल्यांकन करता है। इसमें कचरा प्रबंधन, नागरिक सहभागिता, और स्थायी स्वच्छता जैसे अनेक पहलुओं पर शहरों को अंक दिए जाते हैं। प्रयागराज की यह सफलता स्वच्छ भारत मिशन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत के संकल्प को पूरी तरह साकार करती है।