मांकमेश्वर् मन्दिर प्रयाग राज स्टेशन से 5.50km दूर स्थित है । स्टेशन के समीप ही मन्दिर के लिए टैक्सी, ऑटो और भी वाहन मिल जायेंगे जो मंंदिर तक पहुँचा देगे | और बस स्टैंड से करीब 4.5 km की दुरी पर पड़ता है मंकमेहश्वर् मन्दिर | यहाँ से भी मन्दिर के लिए बहुत से वाहन मिल जाते जो मन्दिर तक आसानी से पहुँचा देते है |
सावन के महीने मे यहाँ भारी मात्रा मे भक्तजन आते है । और भोले बाबा के पिंड का दर्शन करते है, पूजा अर्चना करते है | यहाँ भक्तजन पूजा पाठ और रुद्राभिषेक भी करवाते है । सावन महीने मे भक्तजन की बहुत लंबी लाइन लगी रहती है । भक्तजन लाइन मे खड़े होके हाथ मे पूजा की समाग्री लेकर अपने बारी का इंतजार करते है कि कब उनका समय आये और वो सावन के इस पावन महीने मे भोले बाबा के पिंड का दर्शन कर सके जलाभिषेक कर सके | इस मन्दिर मे सावन के हर दिन भगक्तजन को लाईन लगी रहती है । पर सोमवार के दिन बहुत ज्यादा भक्तजन आते है, और भोले बाबा की पूजा अर्चना करते है और उनका आशीर्वाद लेते है |
इस मदिर मे भोले बाबा अपने बहुत से स्वरूप मे विराजमान है, इस मन्दिर का उल्लेख पुराणो मे भी मिलता है। इस मन्दिर मे दूर दराज से भी लोग आते है दर्शन और पूजा पाठ करते है | ऐसा कहा जाता है की त्रेता काल मे भगवान् राम वनवास जाते समय अपने भ्राता लक्ष्मण और माता सीता के साथ यहाँ प्रयाग राज मे रुके थे, और अक्षयवट के नीचे विश्राम किया था | यहाँ पर प्रभु राम ने अपने भ्राता के संग और माता सीता के साथ मिलकर भोले बाबा के पिंड की पूजा अर्चना और जलाभिषेक किया था , और यह मनोकामना की थी की उनके मार्ग मे आने वाली तमाम विघ्न बाधा को दूर करे |
मन्दिर मे मंकमेहश्वर् के पिंड के अलावा , सिधेश्वर् और ऋणमुक्ति श्वर् महादेव का भी पिंड है | यहाँ पर रुद्रावतर कहे जाने वाले बजरंगबली की दक्षिणमुखी मूर्ति भी विराजमान है | यहाँ पर भैरव, किन्नर, और यक्ष भी विराजमान है | वँहा पर माता पार्वती का भी वास है जिससे यहाँ पर दोनों प्रकार के दर्शन का लाभ भक्तजन को मिलता है |
मन्दिर मे रहने वाले पुजारियों का कहना है की स्कंद पुराण और पदम पुराण मे कामेश्वर पीठ का जो वर्णन है , यह वही कामेश्वर धाम मन्दिर है जिसमे काम देव को भस्म करके भगवान् शिव यहाँ पर स्वय विराजमान हुए है | यहाँ पर माघ मेला मे, महाकुंभ के समय लाखों की भीड़ मे भक्तजन आते है और भोले बाबा के दर्शन का लाभ लेते है| यहाँ हर समय भीड़ लगी रहती है और सावन के सोमवार, प्रदोष व्रत , शिवरात्रि तथा खास तिथियों मे बहुत भीड़ लगी रहती है |
यहाँ के पुजारियों द्वारा मंकामेश्वर् मन्दिर मे सभी महिलाओ के लिए और पुरुषो के लिए खास तौर उनके पोषक को लेकर एक ड्रेस कोड रखा गया जिससे की मन्दिर मे शालीनता बनी रहे और सब अपने मर्यादा मे रहे | महिलाओ के लिए यहाँ पर साडी, सलवार सूट या शालीन कपड़े पहनकर ही मन्दिर मे महिलाओ को प्रवेश दिया जायेगा नही तो उनका प्रवेश वर्जित किया जायेगा, ऐसा ही कुछ पुरुषो के लिए भी कहा गया की उनको भी शालीन कपड़े पहनकर आएँगे तो ही उनको मन्दिर मे प्रवेश दिया जायेगा नही तो उनका भी प्रवेश वर्जित किया जायेगा |
इस मन्दिर की प्रभाव बहुत दूर दूर तक फैला हुआ है जब भी कोई प्रयाग राज मै आये मन की मनोकामना पूर्ण करने वाले भोले बाबा का आशीर्वाद लेके जाए, जिससे उसका पूरे परिवार पर भोले बाबा की कृपा बनी रहे |