महाकुंभ 2025: प्रयागराज हवाई अड्डे का कायाकल्प
संगम नगरी प्रयागराज में होने वाले महाकुंभ 2025 की तैयारियां जोरों पर हैं। आज मैं आपको बताने जा रहा हूं कि कैसे प्रयागराज का हवाई अड्डा एक नए अवतार में ढल रहा है, ताकि दुनियाभर से आने वाले श्रद्धालुओं को बेहतरीन सुविधाएं मिल सकें।
नया टर्मिनल: रिकॉर्ड समय में एक नई उपलब्धि
सबसे पहले बात करते हैं नए टर्मिनल की, जो कि एक इंजीनियरिंग चमत्कार है। टाटा प्रोजेक्ट्स ने महज 11 महीनों में इसे बनाकर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। 50 एकड़ में फैला यह टर्मिनल, जिसमें 6,700 वर्ग मीटर का वातानुकूलित क्षेत्र है, अब भारत का सबसे तेज़ी से निर्मित हवाई अड्डा बन गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वयं इसका उद्घाटन किया, जो इस परियोजना के महत्व को दर्शाता है।
क्षमता विस्तार: बड़े बदलाव, बड़ी सुविधाएं
नए टर्मिनल की क्षमता पहले से कहीं ज्यादा है। जहां पहले एक बार में 350 यात्री ही समा पाते थे, अब 850 यात्री एक साथ टर्मिनल का उपयोग कर सकेंगे। विमानों की पार्किंग क्षमता भी चार से बढ़कर 15 हो गई है। कार पार्किंग में भी बड़ा विस्तार हुआ है - अब 400 गाड़ियां एक साथ पार्क हो सकेंगी, जो पहले की 200 की क्षमता से दोगुनी है।
अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों की तैयारी
प्रयागराज एयरपोर्ट के अधिकारियों ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए नागरिक उड्डयन निदेशालय से अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों की मंजूरी मांगी है। नया टर्मिनल अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप है और विदेशी तीर्थयात्रियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए यह कदम बेहद जरूरी था।
घरेलू कनेक्टिविटी में विस्तार
देश भर से प्रयागराज की कनेक्टिविटी में भी जबरदस्त सुधार हो रहा है:
• इंडिगो अब बैंगलोर, दिल्ली, मुंबई, भुवनेश्वर, रायपुर, लखनऊ और हैदराबाद के लिए उड़ानें संचालित कर रही है
• एलायंस एयर दिल्ली और बिलासपुर को जोड़ रही है
• अकासा एयर मुंबई के लिए सेवाएं दे रही है
• स्पाइसजेट ने दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु और अहमदाबाद के लिए दैनिक विशेष उड़ानों की घोषणा की है
नई उड़ानें और भविष्य की योजनाएं
15 दिसंबर से चार नए शहरों - अहमदाबाद, इंदौर, कोलकाता और देहरादून के लिए सीधी उड़ानें शुरू होंगी। भविष्य में पुणे, जयपुर, गुवाहाटी, चेन्नई, जम्मू, गोवा, नागपुर, पटना और भोपाल जैसे शहरों से भी सीधी उड़ानें शुरू होने की संभावना है।
तकनीकी उन्नयन: रात्रि उड़ानों की सुविधा
एक महत्वपूर्ण तकनीकी अपग्रेड के तहत कैट-II इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम लगाया गया है। इंडिगो ने रनवे 30 पर इसका सफल परीक्षण कर लिया है। अब विमान 400 मीटर की कम दृश्यता में भी सुरक्षित लैंड कर सकेंगे, जिससे रात्रि उड़ानें संभव होंगी।
यात्री सुविधाएं और परिवहन व्यवस्था
कुंभ 2019 के अनुभवों से सीख लेते हुए, इस बार परिवहन व्यवस्था को मजबूत किया गया है:
• एयरपोर्ट से संगम तक 20 सरकारी बसें चलेंगी
• जिलाधिकारी नवनीत सिंह चहल ने खुद इस व्यवस्था की निगरानी का जिम्मा लिया है
• टैक्सी द्वारा अधिक किराया वसूलने की समस्या से निजात मिलेगी (2019 में 2,000 रुपये तक वसूले गए थे)
सुरक्षा और सौंदर्यीकरण
सुरक्षा के मद्देनजर एक्स-रे मशीनों की संख्या दोगुनी कर दी गई है। एक खास आकर्षण होगा - हवाई अड्डे के बाहर सड़क के दोनों ओर 84 प्रबुद्ध स्तंभ, जो 84 लाख योनियों का प्रतीक हैं। यह आध्यात्मिक महत्व के साथ-साथ सौंदर्य को भी बढ़ाएगा।
एयरलाइंस को विशेष निर्देश
सभी एयरलाइंस को निर्देश दिया गया है कि वे महाकुंभ के दौरान मांग के अनुसार उड़ानों की संख्या बढ़ाएं। उड़ान में देरी की स्थिति में यात्रियों को उचित सुविधाएं प्रदान करें।
निष्कर्ष
प्रयागराज हवाई अड्डे का यह कायाकल्प सिर्फ एक विकास परियोजना नहीं है - यह आधुनिक भारत में आध्यात्मिक परंपराओं को सहेजने का एक अनूठा प्रयास है। 31 दिसंबर तक सभी कार्य पूरे होने की उम्मीद है, जिसके बाद यह हवाई अड्डा न सिर्फ प्रयागराज, बल्कि पूरे पूर्वी उत्तर प्रदेश के लिए एक नया द्वार बन जाएगा।
Reference link :
https://www.aai.aero/en/airports/prayagraj
https://tataprojects.com/projects/prayagraj-airport-terminal