Home Thought of the Day सुभाषित 24 जुलाई Thought of the Day सुभाषित 24 जुलाई personSudhanshu pandey 7:00 AM0 minute read 0 share परोपकाराय फलन्ति वृक्षा:, परोपकाराय वहन्ति नद्य:।परोपकाराय दुहन्ति गाव:, परोपकाराय मिदं शरीरम् ॥ अर्थ : वृक्ष परोपकार के लिए बढ़ते हैं और नदियां परोपकार के लिए ही बहती है। गाय परोपकार के लिए ही दूध देती है। इस शरीर की सार्थकता परोपकार में ही है। Facebook Twitter Whatsapp Newer Older